कानपुर हलीम मुस्लिम पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में लाइफ एल. जी. बी. टी. क्यू विषय पर आयोजन किया गया
हलिम मुस्लिम पीजी कॉलेज कानपुर में अंग्रेजी विभाग द्वारा स्ट्रीमिंग इनटू द मेंस्ट्रीम ऑफ लाइफ एल.जी. बी. टी. क्यू विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । मिस निलोफर प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर हमसफर ट्रस्ट मुंबई को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया । प्रोग्राम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कॉलेज स्टाफ एवं विद्यार्थियों को लिंगभेद आधारित भेदभाव के प्रति जागृत करना है । यूजीसी द्वारा जारी किए गए पत्र में यह निर्देश किया गया है कि महाविद्यालय व विश्वविद्यालय जन जागरण के तहत इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करें ताकि कार्यस्थल पर लिंग आधारित भेदभाव को पूर्ण समाप्त किया जा सके । यूजीसी के दिशा निर्देश का पालन करते हुए विश्वविद्यालय ने जैविक एवं सामाजिक लिंग पर आधारित भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक ऐसे विषय को चुना जो स्त्री एवं पुरुष के लैंगिक पहचान पर बात करता है ।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री सैयद महमूद अहमद द्वारा किया गया अतिथियों का स्वागत प्रचार प्रोफेसर मुजम्मिल हुसैन सिद्दीकी ने किया मुख्य अतिथि में डॉक्टर मोहम्मद शोएब अंसारी रहे ।
अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर कार्यक्रम के संयोजक डॉ मोहम्मद शमीम ने कहा कि समाज में सेक्स वा जेंडर जैसे शब्द को एक दूसरे का पर्यायवाची मान लिया जाता है जबकि दोनों भिन्न है । सेक्स किसी भी व्यक्ति की जैविक व जेंडर सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहचान है जैविक पहचान ईश्वर परदत्ता है । यह समय वा स्थान से परे नहीं है कोई व्यक्ति पुरुष के रूप में अपनी पहचान समाज में इसलिए नहीं बताता कि उसमें दाढ़ी और मूंछ बल्कि उसके अंदर की भावना जो जैविक लिंग पर आधारित है उसे प्रेरित करती है कि वह अपने आप को पुरुष व स्त्री संबोधित करें ।
कार्यक्रम का समापन डॉक्टर तनवीर अख्तर एसोसिएट प्रोफेसर अध्यक्ष कॉमर्स के धन्यवाद ज्ञापित करने से हुआ कार्यक्रम के संयोजक सचिव डॉ मोहम्मद फिरोज खान ने साहित्य में किन्नरों की उपस्थिति पर चर्चा की । शोधार्थियों ने तमाम प्रश्न मुख्य वक्ता से किए इस अवसर पर कॉलेज के समस्त प्रोफेसर व कर्मचारी उपस्थित रहे ।